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8वीं के सुनील ने खेत में दौड़ा दिया सौर ऊर्जा से चलने वाली ट्रेन का मॉडल

Eighth class student who made a solar train in Ajmer

अजमेर के नागौर जिले के छोटे से गांव प्यावां के रहने वाले सुनील बुरड़क ने महज 14 साल की उम्र में वो कारनामा कर दिखाया है, जिसके चर्चे चारो तरफ हो रही है. यही नहीं सुनील की तारीफ भारतीय रेल विभाग के बड़े बड़े अधिकारी भी कर रहे हैं. आठवीं क्लास के छात्र सुनील ने अपने खेत में ट्रैक बनाकर सौर ऊर्जा से चलने वाली ट्रेन दौड़ा दी है. हालांकि है अभी ये एक खिलौना ट्रेन, लेकिन सौर ऊर्जा से संचालित इस ट्रैक पर बाकायदा रेलवे फाटक, शंटिंग, सिग्नल आदि के साथ-साथ प्लेटफार्म, क्रॉसिंग रेलवे फाटक और ओवरब्रिज भी बना है.इस ट्रैक पर सरपट रेल गाड़ी दौड़ती रहती है. सुनील के पिता रतन बुरड़क ने बताया कि सुनील बचपन से ही अन्य बच्चों की तुलना मे ज्यादा ही एक्टिव है. हमेशा से कुछ न कुछ बनाता ही रहता है. रतन बुरड़क के अनुसार सुनील ने महज 5 साल की उम्र में एलएनटी, पवन ऊर्जा, रेल गाड़ी, रेल की पटरियां बना दी थी. सुनील ने मोटरसाइकिल के इंजन से हेलीकॉप्टर बनाने का प्रयास भी किया, लेकिन सामग्री खरीदने के लिए पर्याप्त रुपए नहीं होने के कारण आगे कार्य आगे नहीं बढ़ पाया. रतन बुरड़क ने बताया कि लगभग 5 महीने पहले सुनील ने भारतीय रेल व स्टेशन का मॉडल बनाने की बात कही जिस पर मैंने सौर ऊर्जासहित अन्य सामग्री खरीद कर दी. पिता रतन भी अब सुनील के इस काम में हाथ बंटाते रहते है. सुनील की कामयाबी के पीछे भी एक रोचक कहानी है. दरअसल सुनील के घर से कुछ दूरी पर ही एक रेलवे ट्रैक है जिस पर रेल गाड़ियां आती जाती रहती है. बचपन मे जब सुनील ट्रेन का हॉर्न सुनकर उन्हें देखने दौड़ता, लेकिन वह छोटा था इसलिए परिवार के लोग उसे वहां जाने से रोक देते. ऐसा लगातार होता रहा तो सुनील की ट्रेनों के प्रति दिलचस्पी बढ़ती चली गई. जब बड़ा हुआ तो रेलवे ट्रैक पर घण्टो बैठकर ट्रेनों गुजरती हुए उन्हें देखता रहता|

अजमेर के नागौर जिले के छोटे से गांव प्यावां के रहने वाले सुनील बुरड़क ने महज 14 साल की उम्र में वो कारनामा कर दिखाया है, जिसके चर्चे चारो तरफ हो रही है. यही नहीं सुनील की तारीफ भारतीय रेल विभाग के बड़े बड़े अधिकारी भी कर रहे हैं. आठवीं क्लास के छात्र सुनील ने अपने खेत में ट्रैक बनाकर सौर ऊर्जा से चलने वाली ट्रेन दौड़ा दी है. हालांकि है अभी ये एक खिलौना ट्रेन, लेकिन सौर ऊर्जा से संचालित इस ट्रैक पर बाकायदा रेलवे फाटक, शंटिंग, सिग्नल आदि के साथ-साथ प्लेटफार्म, क्रॉसिंग रेलवे फाटक और ओवरब्रिज भी बना है.इस ट्रैक पर सरपट रेल गाड़ी दौड़ती रहती है. सुनील के पिता रतन बुरड़क ने बताया कि सुनील बचपन से ही अन्य बच्चों की तुलना मे ज्यादा ही एक्टिव है. हमेशा से कुछ न कुछ बनाता ही रहता है. रतन बुरड़क के अनुसार सुनील ने महज 5 साल की उम्र में एलएनटी, पवन ऊर्जा, रेल गाड़ी, रेल की पटरियां बना दी थी. सुनील ने मोटरसाइकिल के इंजन से हेलीकॉप्टर बनाने का प्रयास भी किया, लेकिन सामग्री खरीदने के लिए पर्याप्त रुपए नहीं होने के कारण आगे कार्य आगे नहीं बढ़ पाया. रतन बुरड़क ने बताया कि लगभग 5 महीने पहले सुनील ने भारतीय रेल व स्टेशन का मॉडल बनाने की बात कही जिस पर मैंने सौर ऊर्जा सहित अन्य सामग्री खरीद कर दी. पिता रतन भी अब सुनील के इस काम में हाथ बंटाते रहते है. सुनील की कामयाबी के पीछे भी एक रोचक कहानी है. दरअसल सुनील के घर से कुछ दूरी पर ही एक रेलवे ट्रैक है जिस पर रेल गाड़ियां आती जाती रहती है. बचपन मे जब सुनील ट्रेन का हॉर्न सुनकर उन्हें देखने दौड़ता, लेकिन वह छोटा था इसलिए परिवार के लोग उसे वहां जाने से रोक देते. ऐसा लगातार होता रहा तो सुनील की ट्रेनों के प्रति दिलचस्पी बढ़ती चली गई. जब बड़ा हुआ तो रेलवे ट्रैक पर घण्टो बैठकर ट्रेनों गुजरती हुए उन्हें देखता रहता.

(Text Source:Zee News)

Tags: Sunil Burdak | Solar-Train | Ajmer |  Rajasthan | Eight Class Student Sunil Burdak