Posted on 4th December, 2018 by Allen Career Institute Klip Jeene ki Raahpt. vijayshankar mehta Jeene ki Raah अहंकार खत्म कर शांति प्रदान करता है गुरु Previous Post Next Post (Visited 452 times) Article from Related Category खोजिए ईश्वर से मिली जन्मजात योग्यता नीति से पूजा करेंगे तो शांति मिलेगी ख़ुशी की तलाश सिर्फ धन में ही करने की गलती से बचें परिवार को ईश्वर द्वारा दी जिम्मेदारी समझें भीतर होश जागे, यही शिक्षा का उद्देश्य सावधान रहें, आपकी भूलें बच्चे न दोहराएं शिक्षा, नींद, भोजन और संग में सावधानी रखें संकल्प ऐसा लें कि समाज से गलत बातें हटें अनुभवी बुजुर्गों की बात जरूर सुनिए किसी भी भाव के साथ ईश्वर से जरूर जुड़ें दूसरे को ख़ुशी दें तो उसका एक हिस्सा लौटकर हमें मिलता है बेकाबू विचारों को ईश्वर की ओर मोड़ दें नातों की गहराई देती है मनुष्यता का आनंद विनिमय के साथ निवेश भी है पूजा संदेह को ईश्वर पर छोड़ अशांति से बचें अस्तित्व से जुड़ें तो संयम की समझ आएगी खुद में बदलाव लाएंगे तो स्पष्ट होगी दृष्टि कहने-सुनने में संतुलन से शांति आती है सफलता के लिए भ्रम दूर होना आवश्यक समझ के साथ निभाए जाएं तो भरपूर ख़ुशी देते हैं इंसानी रिश्ते त्रिदेव से सीखें जीवन व्यवहार के सबक प्रयास के हर नतीजे को स्वीकारना ही संतोष प्रयोग, अभ्यास , शून्यता साधकर करें परिश्रम वस्तुओं से ज्यादा जरूरतों को महत्व दें जागरूक रहकर परिजनों को दुर्गुणों से बचाएं खुश रहने और खुशी देने के लिए थोड़ी दूरी भी आवश्यक दुःख में सुख खोज लेता है आत्मनिर्भर व्यक्ति प्रतिद्वंदी की कमजोरियों से पाएं सफलता श्रीराम जैसे करें बच्चों की ऊर्जा का उपयोग खुश रहने के लिए मीठी नींद और योग बहुत आवश्यक है गलती हो जाये तो उसका प्रदर्शन न करें युवा दृष्टि और अनुभव में तालमेल बैठाएं धन के 15 दोषों से बचाती हैं धन्वंतरि की चार विशेषताएं योग को अपनाकर पाखंडी होने से बचें परिवार को परमात्मा से जोड़कर एक रखें भोग-विलास की वृत्ति को संयम से मात दें खुशी आए तो उसे हैप्पीनेस स्ट्रोक बनाकर दूसरे लोगों में उतार दें ॐ के सही उच्चारण से शब्दों में लाएं प्रभाव परमात्मा प्राप्ति में पूर्ण स्वीकार आवश्यक अतीत से ये पांच बातें लेकर भविष्य गढ़ें आत्मा को जीएं तो देह के तमाशे ख़त्म होंगे अपनी शिक्षा को व्यवहारिकता से जोड़ें सच्चे भक्त का मार्गदर्शन करता है ईश्वर किसी एक चक्र पर ज्यादा टिकी होती है आपकी ख़ुशी संस्कारों की लाठी रखें, कुटिलता से बचाएगी दुर्गुणों से दूर रखे हनुमान चालीसा महापाठ नेतृत्व ऐसा दें कि सबको उनके हक का मिले भीतर संयम साधें, बाहर सावधानी बरतें निजहित व परहित समझकर निर्णय लें अपने भीतर की शक्ति को गुरु मंत्र से जाग्रत कीजिये ऊर्जा को ऊँचा उठाकर पाएं सुखद परिणाम शरीर प्रधान नहीं, आत्मा केंद्रित हो जीवन अच्छी बातों का भी जमकर विज्ञापन करें स्थिति को समझें, गलतफहमी न पालें ऊर्जा खत्म हो जाये तो तीन दुर्गुण आ जाते हैं लिप्त होने की समझ में परिपक्वता वैराग्य अपनेपन के धागे से जीवन की माला बनाएं संकट में बच्चों को लड़ने की ताकत दे सकते हैं माता-पिता नामजप से भीतर के वार्तालाप को रोकें नए काम में मेहनत व जागरूकता जरूरी विलास की वृत्ति को योग से सही दिशा दें बुद्धि खुश रहने का तरीका, मन का ख़ुशी से छत्तीस का आंकड़ा उपवास में इन तीन बातों का ध्यान रखें संकट में आत्मविश्वास के साथ मुस्कुराएं आपको अपने अलावा कोई दूसरा खुश नहीं रख सकता नीति से कमाइए, रीति से खर्च कीजिये शांति की तरंगे छोड़ता है ठहरा हुआ मन स्वार्थ की खातिर देश की शांति भंग न करें आडंबर हटाकर आस्तिकता जीवन में उतारें दुर्गुणों से बचेंगे तो राम के निकट होंगे अपने आसपास शुभ को खोजें यही गणेशजी की सच्ची सेवा बच्चों को क्रोध-अहंकार काबू करना सिखाएं शब्दों में मर्यादा के पालन का ध्यान रखें बोलने में चतुरता और सुनने में उदारता हो खुशी जिसके साथ जुड़ती है उसके अनुसार उसका रूप बदल जाता है बातें कम व काम ज्यादा हो तो ही साक्षर सफल होने पर नाकामी का दर निकाल दें नई भूल समझदारी का माध्यम होती है योग्यता पहचानकर उसका सदुपयोग करें बीमारी में दवा के साथ योग का भी सहारा लें सुबह जल्दी उठना शरीर के साथ इंसाफ गणेशजी से मांगे विवेक जगाने का वरदान टोकने वाले परिजन के साथ वक्त बिताएं नई पीढ़ी से सम्मान के साथ बात करें चार विकारों से दूर रहेंगे तो जो मिलेगा वही आपकी ख़ुशी होगी हनुमान चालीसा के माध्यम से रिश्तें जोड़ें छोड़े हुए संसार को समझें तो शांति मिलेगी जैसी तैयारी होगी, जीवन वैसा जी पाएंगे थोड़ा समय अपने बुजुर्गों के लिए निकालें विनम्रता के बोल दांपत्य में मिठास की कुंजी मन की लहरों को शांत कर लेंगे तो खुशी स्थायी होगी शिक्षक में गुरु देखकर संस्कार ग्रहण करें दांपत्य में पूरी तरह सही-गलत कोई नहीं जब समस्या आए तो तुलसी को याद करें अप्रिय को भूलकर ईश्वर को याद करें स्थायी खुशि चाहिए तो मन की उछल-कूद की वृत्ति काबू करें प्रकृति को लौटाना है हरियाली व स्वच्छता दिनभर आत्मानुभूति में रहने का प्रयास करें मंजिल मिलने के बाद भी रुकना नहीं है हमारे चित्त को जगाने का साधन है योग छोटी-छोटी घटनाओं पर खुश होने की आदत जीवन में उतारें परिश्रम से सफलता पाएं, तो सावधान रहें पांच रास्तों से अशांति का प्रवेश होता है घर के बुजुर्गों के लिए भी समय निकालें आसक्ति हो तो संकल्प भी तकलीफदेह देना जानते हैं तो संघर्ष भी श्रृंगार बन जाएगा अकेलेपन को एकांत में बदल कर ख़ुशी को आमंत्रित करें अपनी निजता में है हर समस्या का हल जागरूकता के साथ गुरु मंत्र से जोड़ें विचार अपने लोग अच्छी बात कहें तो स्वीकारें प्रकृति की सकारात्मक ऊर्जा देती है स्थाई और गहरा आनंद बच्चों को वक्त न दे पाने की पूर्ति करें 0 Comments Your Comment Cancel replyYou must be logged in to post a comment. SCAN THIS QR CODE WITH YOUR PHONE